$ 0 0 शीशा टूटे या न टूटे, फिर से दिल तो टूटेगा। महंगाई की मार पड़ेगी, प्रिय से प्रेमी रूठेगा। महंगे-महंगे कपड़े मांगे, प्रेमनगर भी जाना है।