वो एक एहसास चला गया अपनों के बीच से उठकर,कोई खास चला गया ....सो गई ये वादियां, सितारे बोलने लगे
तुम आने को हो, अब ये राज खोलने लगे हट के अपनी मंजिलों से राह चल पड़ी,राह के किनारे मंजिल खड़ी मिली
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