$ 0 0 प्रिये! तुम्हें मैं क्या गीत सुनाऊं, जो ला सके तुम्हारे अधरों पर मुस्कान, वो सुर-ताल कहां से लाऊं, प्रिये! तुझे मैं क्या गीत सुनाऊं।