आंसू याद रख खुशियां भुला देते हैं, मानसून आंखों में बसा लेते हैं लोग।
फूल की महक लेकर भुला देते हैं, कांटों को दामन से लगा लेते हैं लोग।
बातों-बातों में मुर्दे गड़े उखाड़ लेते हैं,
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