जब तुम ख्वाबों में होते हो..
जब तुम ख्वाबों में होते हो, वे ख्वाब भी सच हो जाते हैं , जब तुम ख्वाबों में होते हो
View Articleरोमांटिक प्रेम गीत : मधुर मिलन कैसे होगा?
मैं गीतों का राजकुमार, तुम गजलों की शहजादी। यह तो बताओ हम दोनों का, मधुर मिलन कैसे होगा, अब संगम कैसे होगा। मैं भौंरे का अल्हड़पन तुम बेला की खुशबू प्यारी...
View Articleकविता : श्रृंगार पथिक (वियोग श्रृंगार)
ये प्यार की विधाएं समझे नहीं समझता, कब अश्रु जल बरसता, कब प्रेम रस सरसता। अब तो हुआ हूं बेसुध बिलकुल नहीं सम्हलता, कब प्यार में भटकता, कब दिल मेरा तड़पता।
View Articleप्रेम कविता : दुआ कीजिएगा...
मेरे प्यार की तुम, दुआ कीजिएगा। मेरे आन की तुम, कदर कीजिएगा।। मिले प्यार सच्चा, जमाने में सबको। करो शुक्रिया प्यार से, सारे रब को।।
View Articleप्रेम काव्य : दोस्त सयाने
छलक गए आखिर इस पल में उनकी नफरत के पैमाने। मुसकानें अधरों पर लादे वर्षों तक जो साथ चले थे, या यूं कह लो गर्दन तक वे अहसानों के बोझ तले थे,
View Articleप्रेम कविता : कागा नित दरवाजे पर मेरे...
कागा नित दरवाजे पर मेरे, कांव-कांव जब करता है। आते होंगे प्रीतम मेरे, मन उमंगें भरता है।। सज-धज मैं राह निहारूं, हो जाती है शाम।
View Articleप्रेम कविता : बुझे-बुझे रहते हो...
बुझे-बुझे रहते मियां हो, हरदम उसके ख्यालों में। संग मेरे आज चलो तुम, चमन की बहारों में। हर कली आदाब करेगी, हंस के चिलमन हटाएगी।
View Articleप्रेम कविता : बुझे-बुझे रहते हो...
बुझे-बुझे रहते मियां हो, हरदम उसके ख्यालों में। संग मेरे आज चलो तुम, चमन की बहारों में। हर कली आदाब करेगी, हंस के चिलमन हटाएगी।
View Articleप्रेम काव्य : इस कदर उसकी यादें सताने लगी
इस कदर उसकी यादें सताने लगी, वो सपने में हूर बनकर आने लगी। यह तो उसका मुझ पर अहसान था, वो मुझे देखकर मुस्काने लगी।
View Articleप्रेम गीत : मुझे जिंदगी में दगा तो न दोगे
मुझे जिंदगी में दगा तो न दोगे, मेरी वफाओं को तुम सिला तो न दोगे। मुहब्बत की जो कस्में खाई थीं तुमने, उन कस्मों को निभा तो दोगे। बहुत ख्वाब मुझको दिखाए हैं तुमने,
View Articleशरद पूर्णिमा पर कविता : प्रीतम मेरे आएंगे
शरद पूर्णिमा आने वाली है, प्रीतम मेरे आएंगे। देख चांदनी मैं नाचूंगी, वे भी गीत सुनाएंगे। झमक-झमक मोरी, बजेगी पायल।
View Articleप्रेम कविता : प्रेम दीवानी
दगाबाज तूने दाग लगाया, मैं दाग छुपाए घूम रही हूं, गली-गली तुम्हें ढूंढ रही हूं। सोलह साल मेरी उम्र थी, थी कोमल कच्ची-कुंआरी। आंखों का जादू चला के तूने, बना दिया प्रेम दीवानी।
View Articleप्रेम कविता : तुम मुस्कुराओ ना
मैं होठों की लाली बन जाऊंगा, तुम मुस्कराओ ना। मैं गजरे का फूल बन जाऊंगा, तुम बालों में सजाओ ना। मैं आंखों का काजल बन जाऊंगा, तुम आंखों में बसाओ ना।
View Articleप्रेम काव्य : जुदाई...
तुमने बहार बन के, मेरी नींद क्यों उड़ाई। बर्दाश्त नहीं होती, जालिम तेरी जुदाई। तन्हाइयों में जीना, दुश्वार हो रहा है। बाहों में आके ले लो, मौसम भी कह रहा है।
View Articleप्रेम गीत : मेरी जिंदगी...
मोहनी तेरी मूरति, सुहानी है सूरति। मेरी जिंदगी पर, तरस खाइएगा। मुहब्बत के शब्दों को, मैं लिख रहा हूं। मेरे गीत को तुम, जरूर गाइएगा।
View Articleप्रेम कविता : उनकी चाहत
चुहुलकदमी का खुमार उन्हें भी है, इन्हें भी है हमें भी है साथ ही औरों को भी। लेकिन
View Articleकविता : अबकी बादल यूं ही बरसते रहे...
अबकी बादल यूं ही बरसते रहे, हम प्यार की एक बूंद को तरसते रहे। यूं तो दरियों पानी बहुत ज्यादा था, लेकिन हम तो गंगाजल की एक बूंद को तरसते रहे।
View Articleप्रेम कविता : गमों में मुस्कुराना सीख लो
गमों में मुस्कुराना सीख लो। दुखों में गीत गाना सीख लो, जिंदगी सुख-दुख का संगीत है। इसे हर समय मुस्कराकर गुनगुनाना सीख लो।
View Articleप्रेम कविता : तुम्हारे प्यार की बातें...
तुम्हारे प्यार की बातें, मुझे अक्सर रुलाती है। तुम्हारे साथ की यादें सपनों में सताती है। मैं बातें दिल की ये तुमसे, बार-बार कहता हूं मैं तुमसे प्यार करता था।
View Articleहास्य कविता : पगला गए...
एक दिन हम पगला गए, 22 वर्षीय युवती देखकर नयनों में चमक थी। अंगड़ाई भी गजब की थी, श्रृंगार रस से परिपूर्ण थी। जवानी अलबेली थी
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